मंगल प्रभात लोढ़ा लगातार दूसरी बार मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष बने हैं
विधानसभा चुनाव में मुंबई की 17 में 16 सीटों पर पार्टी को जीत दिलाई
अब उनके सामने पार्टी को बीएमसी में जीत दिलाने की जिम्मेदारी है
मुंबई: भारतीय जनता पार्टी के मुंबई अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी एक बार फिर से विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा को दी गई है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा उन्हें लगातार दूसरी बार अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की घोषणा आज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने की. विधायक लोढ़ा देश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट मुंबई के मलबार हिल विधानसभा सीट से सन 1995 से लगातार छठी बार विधायक हैं.
विधानसभा चुनावों से पहले 16 जुलाई 2019 को मंगल प्रभात लोढ़ा को मुंबई बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया था. मुंबई में पार्टी को 17 सीट में से 16 विधायक जिताकर जबरदस्त जीत दिलाई. तीन दशक से साथी रही शिवसेना से गठबंधन टूटने के बाद अब बीजेपी अकेले है और महानगर पालिका में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.
लगभग 36 हजार करोड़ बजट वाली मुंबई महानगर पालिका पर पिछले 25 साल से शिवसेना का कब्ज़ा है. पिछले मुंबई महानगर पालिका चुनाव में शिवसेना और बीजेपी अलग अलग चुनाव लड़ी थी. इसमें 227 सीटों में से शिवसेना को 84 और बीजेपी को 82 सीट मिली थीं. बीएमसी चुनाव में शिवसेना की तुलना में महज दो सीट कम होने के बावजूद मुंबई बीजेपी ने मेयर बनाने के लिए कोई पहल नहीं की और शिवसेना के लिए बीएमसी छोड़ दिया. अब महाराष्ट्र में पुराने दोस्त राजनीतिक 'दुश्मन' बन गए है. कांग्रेस, एनसीपी जैसे पुराने विरोधी शिवसेना के दोस्त बन गए हैं.
सन 1955 में जोधपुर में जन्मे मंगल प्रभात लोढ़ा राजनीति में कम उम्र से सक्रिय हैं. जोधपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और जेपी आंदोलन से जुड़े. जोधपुर विश्वविद्यालय से उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई की. इसके बाद एलएलबी करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई आ गए. मंगल प्रभात लोढ़ा, जाने माने न्यायविद और पूर्व सांसद जस्टिस गुमानमल लोढ़ा के बड़े बेटे हैं.
सन 2014 के लोकसभा चुनाव में लोढ़ा, महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी के चुनाव अभियान समिति के संयोजक बनाए गए थे. सन 2009 से वे महाराष्ट्र बीजेपी के उपाध्यक्ष पद पर भी रहे. आरटीआई के बारे में महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे पहला विधेयक लोढ़ा ने ही पेश किया था. इसी तरह, गोवंश वध के खिलाफ भी कानून बनवाने और महाराष्ट्र में एनिमल वेलफेअर बोर्ड की स्थापना में भी विधायक लोढ़ा का सबसे महत्वपूर्ण हाथ रहा है. मुंबई में हुक्का पार्लरों को बंद करवाने का विधेयक भी लोढ़ा ने विधानसभा में पेश किया और उसे कानून बनवाकर ही दम लिया.
मंगल प्रभात लोढ़ा ने 1979 में राजस्थान हाईकोर्ट में वकालात शुरू की लेकिन उसी दौरान उनके पिता गुमान मल लोढ़ा राजस्थान हाईकोर्ट में जज नियुक्त हो गए. मंगल प्रभात लोढ़ा के लिए यह नैतिक मुश्किल थी क्योंकि जिस कोर्ट में पिता जज हो, उसी कोर्ट में बेटे का वकालात करना नैतिकता के विरुद्ध होता. इसलि नैतिकता को सर्वोपरि मानकर मंगल प्रभात लोढ़ा ने वकालात छोड़ दी. साल 1981 में मुंबई आकर व्यवसाय में जुट गए. इसी दौरान उन्होंने अपने लोढ़ा ग्रुप की नींव रखी. कुछ साल पहले उन्होंने अपने व्यावसायिक काम से निवृत्ति लेते हुए बेटे अभिषेक लोढ़ा और अभिनंदन लोढ़ा को उसकी कमान सौंप दी और पूरी तरह से राजनीतिक में सक्रिय हैं.